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मंगलवार, 29 नवंबर 2011

पत्रकार बनें, प्रतिमाह दस हजार रूपए से ज्यादा कमाए


पंचायत की मुस्कान चिकने कागज पर छपी हुई पूर्णतः रंगीन हिन्दी मासिक पत्रिका है जो कि अत्यन्त अल्प संमय में ही छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश की राजधानियों भोपाल एवं रायपुर के साथ साथ दोनों प्रदेशों के अन्य बड़े शहरों एवं हजारों गांवों तक पंहुच रही है । वहीं इस पत्रिका की उपस्थिति यू।पी। एवं बिहार में भी है। panchayatkimuskan.blogspot.com में जाकर आप इस पत्रिका को देख सकते हैं वही पत्रिका के फ्री सेम्पल के लिए अथवा पत्रकार बनने के लिए ईमेल panchayatkimuskan@gmail.com में संपर्क कर सकते हो।

अगर आप पत्रकार बनना चाहते हैं, सिर्फ 5 हजार रूपए रक्षाधन जमा करने में समर्थ हैं तथा समाचार के साथ साथ विज्ञापन भी ला सकते हैं तो पंचायत की मुस्कान आपके समक्ष एक शानदार आफर लेकर आए हैं।

पंचायत की मुस्कान के लिए मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में ब्लाक, तहसील एवं जिला स्तर पर संवाददाताओं की आवश्यकता है जो महीने में कम से कम 25 हजार रूपए के विज्ञापन भी ला सके। वेतन दस हजार रूपए मासिक के साथ साथ कुल विज्ञापन का 10 प्रतिशत। अर्थात आप अपने ब्लाक, तहसील एवं जिला मुख्यालय में रहते हुए भी 25 हजार रूपए के विज्ञापन लाकर कम से कम साढ़े बारह हजार रूपए प्रतिमाह तक कमा सकते हैं। पहले आने वाले को प्राथमिकता दी जाएगी।

तो देर किस बात की, आज ही जुडि़ये पंचायत की मुस्कान के साथ और प्रतिमाह दस हजार रूपए से भी ज्यादा कमाए।

शुक्रवार, 4 नवंबर 2011

युवा पत्रकार की कलम थमी


गुरूवार की रात सड़क हादसे में युवा पत्रकार आशीष पाण्डेय की मौत हो गई। आशीष पाण्डेय नवभारत के पत्रकार थे तथा रोजाना की तरह रात को नौ बजे जांजगीर स्थित जिला कार्यालय से अपने निवास चांपा जा रहे थे कि इसी बीच गेमन पुल में एक पिकअप ने उन्हें सामने से टक्कर मार दी जिसके बाद आशीष पाण्डेय हसदो नदी में गिर गए। आसपास के लोगों ने तत्काल उन्हें बाहर निकालकर बीडीएम अस्पताल चांपा पंहुचाया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आशीष ग्राम पचोरी के रहने वाले थे तथा आज उनका अंतिम संस्कार गृह ग्राम पचोरी में किया गया। उनके अंतिम संस्कार के समय छत्तीसगढ़ विधान सभा उपाध्यक्ष नारायण चंदेल, पूर्व विधायक मोतीलाल देंवागन सहित भारी संख्या में ग्रामीण एवं पत्रकार उपस्थित थे। आशीष की उम्र महज 28 वर्ष थी और अपने मिलनसार छवि की वजह से इस उम्र में भी वह सभी के बीच में काफी लोकप्रिय थे यही वजह रही कि उसकी मौत की खबर सुनकर हर कोई स्तब्ध रह गया।

मंगलवार, 11 अक्तूबर 2011

सभी प्रमुख शहरों में ब्यूरो की आवश्यकता है

10 हजार रूपए मासिक वेतन और आकर्षक कमीशन पर ब्यूरो प्रमुख की आवश्यकता है। पंचायत की मुस्कान पूर्णतः रंगीन मासिक पत्रिका है जिसका प्रसार क्षेत्र वर्तमान में मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ है। यह पत्रिका वर्तमान में इंटरनेट में एक ब्लाग के रूप में मौजूद है जिसे इंटरनेट में ‘‘पंचायत की मुस्कान’’ सर्च कर पढ़ा जा सकता है वहीं www.panchayatkimuskan.blogspot.com में लाग आन कर भी इस पत्रिका को आप पढ़ सकते हैं। अति अल्प समय में ही आप सबके प्यार एवं स्नेह से इस मासिक पत्रिका ने एक शानदार पड़ाव तय किया है जिससे प्रेरित होकर बहुत जल्द ही इस पत्रिका का विस्तार किया जाना है जिसके अंतर्गत एक ओर तो इस पत्रिका को एक अलग से साईट के रूप में इंटरनेट पर डाला जाना है वहीं बहुत जल्द ही इस पत्रिका का राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार किया जाना है। जिसके लिए इस पत्रिका को देश के सभी प्रमुख शहरों में ब्यूरो की आवश्यकता है। ब्यूरो के लिए अपना फोटो सहित आवेदन panchayatkimuskan@gmail.com में मेल करें वहीं पत्रिका की निःशुल्क प्रति प्राप्त करने के लिए आप ईमेल अथवा उपर दिए गए मोबाईल नंबर पर अपना पता भेजें। ब्यूरो की नियुक्ति निम्नलिखित शर्तो के अधीन की जानी है:-

1. ब्यूरो को कंपनी की ओर से 10 हजार रूपए मासिक वेतन दिया जाएगा वहीं ब्यूरो द्वारा स्वयं अथवा उनके माध्यम से नियुक्त एजेंटों के प्रतियों एवं विज्ञापन में कुल 35 प्रतिशत कमीशन आबंटित किए जायेंगे।

2. ब्यूरो को प्रतिमाह कम से कम एक समाचार अनिवार्य रूप से भेजने होंगे।


3. ब्यूरो को एक वर्ष में कम से कम छः लाख रूपए के बिजनेस लाने अनिवार्य है साथ ही लाए गए विज्ञापन की राशि की वसूली का कार्य भी ब्यूरो को ही संपन्न करना होगा।

4. ब्यूरो के पद पर कार्य प्रारंभ करने के दिनांक से ही उनके वेतन की गणना की जाएगी लेकिन उसे प्रथम वेतन तब दिया जाएगा जब उसके द्वारा लाए गए विज्ञापन की राशि उसके वेतन के अनुपात में पत्रिका के खाते में जमा हो जाएगी।


5. ब्यूरो अपने क्षेत्र की भौगौलिक स्थिति, मार्केट की स्थिति से अच्छी तरह से परिचित हैं ऐसे में अपने क्षेत्र से विज्ञापन निकालने की जवाबदारी उनकी स्वयं की है। इसके लिए उसे स्वयं ही प्लान तैयार करने होंगे तथा उस पर अमल भी खुद ही करने होंगे।
6. ब्यूरो पत्रिका की प्रतियों के वितरण के लिए अपने क्षेत्र में एजेंसी अनुबंध करायेंगे जिसे पत्रिका की नीतियों के तहत प्रतियों एवं विज्ञापन में 25 प्रतिशत कमीशन दिया जाएगा यह कमीशन अलग से नहीं दिया जाकर ब्यूरो को दिए जाने वाले 35 प्रतिशत कमीशन में शामिल होगा अर्थात जो विज्ञापन अथवा प्रतियां ब्यूरों के माध्यम से सीधे आएगी उसमें तो ब्यूरो को 35 प्रतिशत राशि प्राप्त होगी वहीं एजेंटो के माध्यम से आने पर 25 प्रतिशत एजेंटो के खाते में तथा 10 प्रतिशत ब्यूरो के खाते में समाहित होगी।

7. विज्ञापन की गणना 12 माह को आधार बनाकर की जाएगी। लक्ष्य से अधिक विज्ञापन लाने पर ब्यूरो को जहां बोनस वितरण किया जाएगा वहीं लक्ष्य से कम विज्ञापन लाने पर उनके वेतन में कटौती का अधिकार मैनेजमेंट के पास सुरक्षित रहेगा।

सोमवार, 19 सितंबर 2011

अपना विषेशांक निकालिए

मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय बहुरंगी हिन्दी मासिक पत्रिका पंचायत की मुस्कान में अब आपका अपना स्वयं का विशेषांक प्रकाशित कर सकते हैं। पंचायत की मुस्कान में विशेषांक के प्रकाशन के लिए नियम व शर्ते निम्न लिखित है:-
1. आपको अपना विशेषांक निकालने के लिए पंचायत की मुस्कान के द्वारा कुल 16 पेज दिए जायेंगे। जिसमें आप अपने हिसाब से अपने समाचार/विज्ञापन/अपने उत्पाद अथवा संस्थान के बारे में जो भी चाहे, जैसा चाहे, आपत्तिजनक बातों को छोड़कर प्रकाशित करा सकते हैं।
2. 16 पेज के आपके विशेषांक के एवज में आपको पंचायत की मुस्कान को 50 हजार रूपए का भुगतान करना पड़ेगा। जिसके एवज में आपके विशेषांक के प्रकाशन के बाद 100 प्रति पत्रिका की भेजी जाएगी। अतिरिक्त प्रतियों के लिए प्रति 1000 प्रति के लिए आपको 10 हजार रूपए का भुगतान करना पड़ेगा।
3. अतिरिक्त प्रतियां लेने की जानकारी विशेषांक के प्रकाशन के पूर्व ही देनी होगी।
4. विशेषांक प्रकाशन एवं अतिरिक्त प्रतियों का पूरा भुगतान एडवांस में करने होंगे।
5. 16 पेज से ज्यादा में अपनी बातें कहने के लिए प्रति पेज के हिसाब से एक्स्ट्रा भुगतान करने होंगे।
6. संबंधित पृष्ठों के अलावा पत्रिका के कव्हर पेज में भी संबंधित विशेषांक के विषय में जानकारी दी जाएगी।
7. आप अपने सभी पेज स्वयं डिजाइन करके दे सकते हैं स्वयं पेज सेट न करने की स्थिति में हमारे द्वारा किए गए पेज सेटिंग को आपको स्वीकार करने होंगें एवं इसमें किसी भी प्रकार के विवाद स्वीकार नहीं किए जायेंगे।

पंचायत की मुस्कान पढने के लिए लोग ऑन करे - panchayatkimuskan.blogspot.com

बुधवार, 17 अगस्त 2011

पंचायत की मुस्कान के अगस्त अंक में लगे 134 विज्ञापन


अगस्त में मिला असीम प्यार

पंचायत की मुस्कान के अगस्त के अंक में 134 व्यक्तियों/संस्थाओं ने अपना भरोसा जताते हुए अपने विज्ञापन प्रकाशित करवाए हैं। इनमें से 83 विज्ञापन मध्यप्रदेश के तथा शेष 51 विज्ञापन छत्तीसगढ़ के लगे हैं।
बहुरंगी हिन्दी मासिक पत्रिका पंचायत की मुस्कान ने अपने ही छः माह के अंक में लगे हुए विज्ञापन के रिकार्ड ध्वस्त कर दिए हैं। फरवरी से जुलाई तक के छः अंक में इस पत्रिका में जहां कुल 72 विज्ञापन लगे वहीं अकेले अगस्त के महीने में ही 134 विज्ञापन दर्ज किए गए। फरवरी में पत्रिका के प्रथम अंक में 19 विज्ञापन, मार्च में 14 विज्ञापन, अप्रैल में 4, मई में 9, जून में 10, जुलाई में 16 इस तरह से प्रथम 6 माह में कुल 72 विज्ञापन इसमें प्रकाशित हुए थे वहीं अगस्त के महीने में विज्ञापनदाताओं का रूख काफी उत्साहजनक रहा तथा इसमें मध्यप्रदेश के 83 और छत्तीसगढ़ के 51 कुल 134 विज्ञापनदाताओं ने अपने विश्वास व्यक्त किए। यह आंकड़े तब के हैं जब पत्रिका की साईज को देखते हुए हमने और विज्ञापन के लिए बस कह दिया और हम अपने बड़े सेंटरों चांपा, सक्ती एवं नवागढ़ सेंटरों से आए हुए किसी भी विज्ञापन को अपनी पत्रिका मंे स्थान नहीं दे पाए। पंचायत की मुस्कान परिवार में शामिल होने के लिए 7489405373 पर फोन करें या panchayatkimuskan@gmail.com पर मेल करें। पंचायत की मुस्कान के अगस्त अंक देखने के लिए www.panchayatkimuskan.blogspot.com पर लाग आन करें या फिर संपादक, पंचायत की मुस्कान, शिव मंदिर, नहर किनारे, नया चंदनिया पारा जांजगीर जिला जांजगीर चांपा छग को पत्र भेजें।

शुक्रवार, 12 अगस्त 2011

चंदा रे मेरे भैया से कहना ... ... ...


चंदा रे मेरे भैया से कहना,
मेरे भैया से कहना, बहना याद करे
चंदा
रे ...

क्या बतलाऊ कैसा है वो
बिलकुल तेरे जैसा है वो
तू उसको पहचान ही लेगा
देखेगा तो जान
ही लेगा
तू सारे संसार में चमके
हर बस्ती हर गाँव में दमके
कहना अब घर वापस जा -2
तू है घर का गहना
बहना याद करे

चंदा रे ...

राखी के धागे सब लाये
कहना अब ना राह दिखाए
माँ के नाम की कसमें देना
भेंट मेरी के रसमें देना
पूछना उस रूठे भाई से
भूल हुई क्या माँ - जाई से
बहन पराया धन है कहना
उसने सदा नहीं रहना
बहना याद करे

चंदा रे ...

फिल्म चंबल की कसम
गायिका : लता मंगेशकर

मंगलवार, 26 जुलाई 2011

15 अगस्त, पत्रकार साथी हजारों-लाखों कमाए...



छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा से प्रकाशित होने वाली मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय बहुरंगी हिन्दी मासिक पत्रिका पंचायत की मुस्कान इस 15 अगस्त को मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के अपने पत्रकार साथियों के लिए एक शानदार आफर लेकर आई है जिसके तहत यदि आप मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के किसी भी गांवध्शहर में किसी भी दैनिक, साप्ताहिक, मासिक अखबार एवं न्यूज चैनल के पत्रकार हैं तो आप इस आफर का लाभ उठा सकते हैं तथा एक बार में ही अपने मेहनत एवं सामर्थ के अनुसार जितना चाहे उतना कमा सकते हैं।

विज्ञापन क्यों मिलेगा ?

15 अगस्त हमारे देश का राष्ट्रीय पर्व है और मीडियाकर्मी के लिए यह एक ऐसा अवसर है जब वह राजी खुशी किसी के भी पास विज्ञापन के लिए जा सकता है। विज्ञापन में जितना योगदान किसी भी बैनर का होता है उतना ही उसे लाने वाले व्यक्ति का भी रहता है। आप अगर पत्रकार हैं और आपको लगता है कि विज्ञापन तो आपके नाम पर मिलता है तो इससे बेहतर अवसर आपको शायद ही कभी और मिले। इसके लिए आपको बस पंचायत की मुस्कान के पेज बुक कराने हैं।

क्या है पंचायत की मुस्कान ?

बहुरंगी हिन्दी मासिक पत्रिका पंचायत की मुस्कान पूर्णतः रंगीन मासिक पत्रिका है तथा नागपुर से चिकने कागज पर प्रिंटिग होने की वजह से इसकी अपनी एक खास पहचान स्थापित हो गई है। फरवरी 2011 में प्रथम अंक के प्रकाशन के बाद से ही 6 माह के अल्प समय में ही पंचायत की मुस्कान टीम में हमारे 100 से भी अधिक साथी षामिल है जो कि मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के अलग अलग हिस्सों से आते हैं।

कैसे करें ?

मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के पत्रकार साथियों के लिए पंचायत की मुस्कान का 15 अगस्त का अंक मात्र 6000 रूपए में बुक किया जा रहा है। आप पंचायत की मुस्कान के प्रति पेज 6000 रूपए के हिसाब से बुक कराइये तथा उस पेज में जितने का भी चाहे उतने का विज्ञापन लगाइए।
जैसे कि आपने पंचायत की मुस्कान के 5 पेज बुक कराए हैं तो आपको पत्रिका को मात्र 30 हजार रूपए ही पेड करने पड़ेंगे वहीं आप एक एक पेज में किसी एक व्यक्तिध्संस्था या अलग अलग व्यक्तियोंध्संस्थाओं से 15-15 हजार रूपए के विज्ञापन लेकर उस पेज में लगवाए हैं तो आपको उनसे कुल 75 हजार रूपए प्राप्त होंगे इस प्रकार से आप पंचायत की मुस्कान को 30 हजार देकर 45 हजार रूपए स्वयं कमा सकते है। यह तो एक मात्र छोटा सा उदाहरण है आप चाहे तो इसी तरीके से इससे बहुत ज्यादा कमा सकते हैं।

कहां संपर्क करें ?

आप योजना की जानकारी के लिए 07489405373 में फोन कर सकते हैं या ईमेल के जरिए - panchayatkimuskan@gmail.com भी जानकारी हासिल कर सकते हैं। वहीं पत्रिका देखने के लिए फिल्ड में मौजूद हमारे प्रमुख साथियों से संपर्क कर सकते हैं या फिर मुख्य कार्यालय शिव मंदिर नहर किनारे जांजगीर में आकर भी पत्रिका का अवलोकन कर सकते हैं वहीं इंटरनेट पर panchayatkimuskan.blogspot.com में भी पत्रिका का अवलोकन कर सकते हैं।

सोमवार, 20 जून 2011

मैं रोया सारी रात बहुत ......


एक रात हुई बरसात बहुत,
मैं रोया सारी रात बहुत,
हर गम था जमाने का लेकिन,
मैं तन्हा था उस रात बहुत... ... ...

फिर आंख से एक सावन बरसा,
जब सहर हुई तो खयाल आया,
वो बादल कितना तन्हा था,
जो बरसा सारी रात बहुत ... ... ...

शनिवार, 18 जून 2011

सच में थे भगवान पिता


जब तक थे वे साथ हमारे, लगते थे इंसान पिता
जाना ये जब दूर हो गए, सच में थे भगवान पिता।

पल-पल उनकी गोद में पलकर भी हम ये न जान सके
मेरी एक हंसी पर कैसे, होते थे कुर्बान पिता।

बैठ सिरहाने मेरे गुजरी उनकी जाने रातें कितनी
मेरी जान बचाने खातिर, दांव लगाते जान पिता।

सिर पर रखकर हांथ कांपता, भरते आशीषों की झोली
मेरे सौ अपराधों से भी, बनते थे अनजान पिता।

पढ़-लिखकर भी कौन-सा बेटा, बना बुढ़ापे की लाठी ?
घोर स्वार्थी कलयुग में भी, कितने थे नादान पिता।

पीड़ा-दुःख-आंसू-तकलीफें और थकन बूढ़े पांवों की
मेरे नाम नहीं वो लिख गए, जिनसे थे धनवान पिता।

बांट निहारे, रोज निगाहें, लौट के उनके घर आने की
जाने कौन दिशा में ऐसी, कर गए हैं प्रस्थान पिता।

मनोज खरे

19 जून को पितृ दिवस पर पिताओं को समर्पित।

रविवार, 8 मई 2011

मै घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई ........


मैंने रोते हुवे पोंछे थे किसी दिन आंसू
मुद्दतो माँ ने नहीं धोया दुपट्टा अपना

लबो पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती
बस एक माँ है जो मुझसे खफा नहीं होती

किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकां आई
मै
घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई

इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
माँ बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है



मुनव्वर राणा

बुधवार, 27 अप्रैल 2011

जिंदगी का नाम दोस्ती ........


आंसू पोंछकर हंसाया है मुझे
मेरी गलती पर भी सीने से लगाया है मुझे
कैसे प्यार हो ऐसे दोस्त से
जिसकी दोस्ती ने जीना सिखाया है मुझे ।।

बुधवार, 16 मार्च 2011


रंगों में घुली लड़की ये लाल गुलाबी है

जो देखे वो कहता है क्या मॉल गुलाबी है

पिछले बरस भिगोया था तुमने जो होली में

तेरी निशानी का वो रुमाल गुलाबी है


अ अ अ अ र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र


होली है


हैप्पी
होली ...............

गुरुवार, 3 फ़रवरी 2011

चाँद से प्यारी हो मुस्कान आपकी .........





चाँद से प्यारी हो मुस्कान आपकी,



तारो से ऊँची हो उडान आपकी



हमें भी आपसे मिलने के लिए अपाइंट मेंट लेना पड़े



रब करे ऐसी हो पहचान आपकी .