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सोमवार, 14 मई 2012

पैसा कमाना है तो आईपीएल खेलो


क्रिकेट में मैच फिक्सिंग से जुड़े खुलासे कम होने का नाम नहीं ले रही है। ताजा मामला आईपीएल का है। सोमवार को इंडिया टीवी ने दावा किया कि आईपीएल में स्पाट फिक्सिंग का खेल जोर शोर से चल रहा है। खिलाड़ी पैसे लेकर मैच में नो बाल फेंक रहे हैं। क्रिकेट के कॉकटेल ब्रैंड आईपीएल पर श्संदिग्ध सौदों की काली छाया का खुलासा होने से खेल जगत में खलबली मच गई है। टीवी चैनल ने दावा किया कि उसने आईपीएल में क्रिकेटर्स, ऑर्गनाइजर्स, टीम ऑनर्स और भारतीय क्रिकेट के जाने माने-लोगों के बीच श्सौदेबाजी का भंडाफोड़ किया है। इसके बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) हरकत में आ गया है और उसे चेतावनी देनी पड़ी कि यदि यह खबर सही निकली तो कड़ा एक्शन लिया जाएगा।

फिक्सिंग की फांस
टीवी चैनल इंडिया टीवी ने दावा किया है कि उसने एक स्टिंग ऑपरेशन किया है, जिसमें कई खिलाड़ियों को छिपे हुए कैमरे में यह स्वीकार करते हुए कैद किया गया है कि उन्हें अनधिकृत रूप से नीलामी में तय राशि से कहीं ज्यादा पैसा मिलता है। टीवी चैनल के मुताबिक उसके ऑपरेशन में खुलासा हुआ है कि स्पॉट फिक्सिंग आईपीएल में ही बल्कि फर्स्ट क्लास मैचों को भी फिक्स किया जाता है और महिलाएं फिक्सिंग में अहम भूमिका निभाती हैं। चैनल ने एक बयान में कहा कि भारतीय क्रिकेट के सुपरस्टार और यहां तक कि एक टीम का कैप्टन इंटरनैशनल खिलाड़ी भी इन मैचों को फिक्स करने में मिला हुआ है।

चैनल की चीख
चैनल ने दावा किया कि एक आईपीएल खिलाड़ी ने माना कि उसे एक करोड़ 45 लाख रुपये मिल रहे हैं, जबकि वह 30 लाख रुपये की कैटिगरी में था। इसमें एक आईपीएल खिलाड़ी का नाम लिया गया है और दावा किया गया है कि उसने पिछले साल चैनल के रिपोर्टर के जोर देने पर फर्स्ट क्लास मैच में नो बॉल फेंकी थी। उसने साथ ही कहा था कि फ्यूचर में अगर उसे 60 लाख रुपये मिले तो वह अपनी टीम बदल लेगा। चैनल ने कहा कि एक अन्य खिलाड़ी ने आईपीएल मैच के दौरान नो बॉल फेंकने के लिए 10 लाख रुपये की मांग की। चैनल ने साथ ही कहा कि एक पैटर्न भी बना है, जिसमें कोई गेंदबाज आसान बॉल फेंकता है और कैच भी छोड़े जाते हैं।

अनकैप्ड खिलाड़ियों के लिए बनाया स्लैब
बीसीसीआई ने अनकैप्ड (नीलामी में शामिल नहीं) खिलाड़ियों के लिए स्लैब निर्धारित किया हुआ है। वे इससे अधिक पैसे नहीं ले सकते। फ्रेंचाइजी भी उन्हें ऐसी पेशकश नहीं कर सकते। ऐसा करना नियम का उल्लंघन है।
स्लैब -
10 लाख रू जिस खिलाड़ी ने सिर्फ एक साल घरेलू मैच खेला है।
20 लाख रू जिस खिलाड़ी ने दो से पांच साल तक घरेलू मैच खेले हैं।
30 लाख रू ऐसे खिलाड़ी,जो पांच या इससे अधिक साल से घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं।

मोहनीश ने ब्लैक में लिए एक करोड़

टीम - पुणे वारियर्स।
30 लाख रुपए का स्लैब।
’ रिपोर्टर के टीम बदलने के प्रस्ताव पर दो करोड़ मांगे। कहा कि सहारा पुणे वारियर्स से एक करोड़ 45 रुपए लिए हैं। एक करोड़ ब्लैक में। 45 लाख व्हाइट। 45 में 30 लाख बीसीसीआई के स्लैब के हिसाब से है।

शलभ श्रीवास्तव - शलभ श्रीवास्तव टीम बदलने और स्पॉट फिक्सिंग के लिए राजी दिखे। उन्होंने नो बॉल फेंकने के लिए 10 लाख रुपए मांगे।
शलभ ने बताया कि मनीष पांडे को सहारा पुणो वारियर्स ने अपनी टीम में बनाए रखने के लिए 50 लाख की कार दी है। यह उनकी फीस के अतिरिक्त है। शलभ के मुताबिक कोलकाता से खेलने के लिए मनविंदर बिसला ने 75 लाख रुपए ब्लैक में लिए।

अमित यादव -
टीम - किंग्स इलेवन पंजाब
10 लाख रुपए का स्लैब
- टीम बदलने के लिए 20 लाख रुपए मांगे।

यह भी कहा, आईपीएल में मैच व स्पॉट फिक्सिंग होती है। बड़े खिलाड़ी भी फिक्स करते हैं। पिछले साल 23 अप्रैल को दिल्ली-पंजाब के बीच खेला गया मैच संदिग्ध था। इसमें दिल्ली ने 231 रन बनाए थे। पंजाब मैच जीत सकता था लेकिन शायद वह जानबूझकर मैच हार गया।

सुधींद्र ने नो बॉल फेंकने के लिए 50 हजार मांगे
मध्यप्रदेश का यह गेंदबाज जानबूझकर नो बॉल फेंकने के लिए राजी हो गया। इसके लिए उन्होंने 50 हजार रुपए मांगे। सुधींद्र आईपीएल-5 में डेक्कन चाजर्स की टीम में हैं। चैनल के मुताबिक, सुधींद्र ने इंदौर में खेले गए एक घरेलू मैच में जानबूझकर नो बॉल फेंकी थी। इसके लिए 40 हजार रुपए लिए थे।

जडेजा, मनीष पर लग चुका है प्रतिबंध
आईपीएल नियमों के मुताबिक अगर कोई खिलाड़ी टीम बदलने के लिए खुद कोशिश करता है तो उस पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। ऐसे ही आरोप में रवींद्र जडेजा पर एक साल का प्रतिबंध लगा था। मनीष पांडे भी चार मैचों के लिए प्रतिबंधित किए जा चुके हैं।

क्रिकेट में फिक्सिंग और ब्लैकमनी के नए खुलासे के बाद शक के घेरे में आए चार क्रिकेटरों में से दो क्रिकेटर मध्यप्रदेश के है। मध्यप्रदेश बीसीसीआई के सचिव संजय जगदाले का गृह राज्य है जबकि केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं।

इंडिया टीवी द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन में मध्यप्रदेश के टी सुधीन्द्र ने तो बकायदा घरेलू क्रिकेट मैच में 50 हजार रूपए लेकर स्पॉट फिक्सिंग करने की बात भी कबूली है, जबकि मोहनीश मिश्रा 30 लाख की बजाए पुणे वॉरियर्स से करीब डेढ़ रूपया लेने की बात कही है.

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